प्रयागराज जानेवालों को देने पड़ रहे कानपुर तक के पैसे; जानिए रेल का खेल

April 6, 2019, 11:46 AM
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रांची-दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को भले ही प्रयागराज में स्टॉपेज की अनुमति मिल गई है। लेकिन, आश्चर्य की बात यह है कि संबंधित स्टॉपेज के लिए टिकट नहीं कट रहा है। इससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। फरवरी माह में जब एक्सपेरिमेंटल बेसिस पर बरकाकाना, गढ़वा मार्ग से चलने वाली राजधानी एक्सप्रेस को छह महीने के लिए प्रयागराज में रोकने की अनुमति प्रदान की गई थी, तो यात्रियों में एक खुशी थी कि यहां भी स्टॉपेज मिलेगा। लेकिन, जब यात्रियों ने रांची से प्रयागराज तक का टिकट रिक्वेस्ट डाला, तो इसकी अनुमति नहीं मिली। यह अनुमति या तो दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन या फिर कानपुर तक यात्रियों को मिल रही थी।

यूं कहा जाए कि यात्रियों को भले ही प्रयागराज उतरना हो, लेकिन उन्हें अपना टिकट कानपुर तक कटाना पड़ता है। यानी, 706 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए 900 किलोमीटर की दूरी के लिए राशि अदा करनी पड़ रही है। जबकि इन दोनों के बीच की दूरी राजधानी ट्रेन से दो घंटे की है। रांची रेल मंडल के समक्ष यह बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है, इस समस्या से निदान पाने के लिए रांची रेल मंडल ने अपने हेडक्वार्टर को पत्र लिखा है, ताकि समस्या का निदान हो सके।

पहले इसकी जानकारी रेलवे को नहीं थी। इसकी जानकारी रेलवे यात्रियों द्वारा शिकायत करने पर मिली।   बरकाकाना 12453-12454 रांची-नई दिल्ली रांची राजधानी एक्सप्रेस पिछले एक माह से अधिक समय से प्रयागराज जंक्शन पर रुक रही है। पहले यह ट्रेन नई दिल्ली और रांची के बीच कानपुर, डीडी उपाध्याय जंक्शन, गढ़वा रोड, डालटनगंज और बरकाकाना में रुकती थी। इस मार्ग से रांची-नई दिल्ली -रांची राजधानी एक्सप्रेस सप्ताह में दो बार चलती है और लगभग 19 घंटे में 1300 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करती है।

राजस्व की हो रही है क्षति  
जिन यात्रियों को प्रयागराज उतरना रहता है वे रुपये अधिक लगने के के कारण प्रयागराज के पहले उतर जा रहे हैं या फिर राजधानी ट्रेन के बदले दूसरे ट्रेन का सहारा ले रहे हैं। ऐसे में रेलवे को राजस्व का नुकसान हो रहा है। साथी ही जो यात्री प्रयागराज में ही उतरते हैं उन्हें ज्यादा राशि देनी पड़ती है।

‘यह बात सही है कि प्रयागराज के लिए टिकट नहीं कट रहा है। कानपुर तक यात्रियों को टिकट कटाना पड़ रहा है। इस मामले को हेडक्वार्टर को लिखा गया है। अब अगले आदेश का मंडल को इंतजार है। नीरज कुमार, सीपीआरओ, रांची रेल मंडल।

Source – Jagran
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