ट्रेन कोच के अलग अलग रंग एवं अलग अलग रंग की धारियां क्यों होती हैं?

September 25, 2020, 12:17 PM
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भारतीय रेल एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क और एकल सरकारी स्वामित्व वाला विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। परिवहन की यह सुविधा यातायात के सबसे सुगम साधनों में से एक है। आपने रेल से जरूर सफर किया होगा, लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि ट्रेन के अलग-अलग कोचों पर अलग रंगों की धारियां बनी होती हैं। आज हम आपको बताएंगे कि इन अलग-अलग रंगों की धारियां क्यों बनी होती हैं?

भारतीय रेलवे में बहुत सारी चीजों को समझने के लिए एक खास तरह के सिंबल का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे ट्रैक के किनारे बने सिंबल, ट्रैक पर बने सिंबल। इस सिंबल का प्रयोग इसलिए किया जाता है ताकि हर एक व्यक्ति को उस चीज के बारे में बताने की जरुरत ना पड़े। इसी बात को ध्यान में रखकर ट्रेन के कोच पर भी एक विशेष प्रकार के सिंबल को इस्तेमाल में लाया जाता है।

आपने देखा होगा कि नीले रंग के ICF कोच के आखिरी खिड़की के ऊपर सफेद या पीले रंग की धारियां बनाई जाती हैं, जो कोच के प्रकार को दर्शाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। सफेद रंग की धारियां जनरल कोच को इंगित करती हैं। वहीं पीले रंग की धारियां विकलांग और बीमार लोगों के कोच पर इस्तेमाल की जाती हैं।

भारतीय रेलवे महिलाओं के लिए भी कोच आरक्षित करता है। इन कोचों पर ग्रे रंग पर हरे रंग की धारियां बनाई जाती हैं। वहीं फर्स्ट क्लास के कोचों के लिए ग्रे रंग पर लाल रंग की धारियां बनाई जाती हैं।

अलग-अलग रंगों वाले कोच
आपने देखा होगा कि ज्यादातर ट्रेनों को डिब्बों का रंग नीला होता है। दरअसल, इन डिब्बों का मतलब होता है कि ये आईसीएफ कोच हैं। यानी कि इनकी रफ्तार 70 से 140 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है। ऐसे डिब्बे मेल एक्सप्रेस या सुपरफास्ट ट्रेनों में लगाए जाते हैं। वहीं आईसीएफ वातानुकूलित (एसी) ट्रेनों में लाल रंग वाले डिब्बों का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि राजधानी एक्सप्रेस।

हरे रंग के डिब्बों का इस्तेमाल गरीब रथ ट्रेन में होता है। वहीं, भूरे रंग के डिब्बों का उपयोग मीटर गेज ट्रेनों में होता है। बिलिमोरा वाघाई पैसेंजर एक नैरो गेज ट्रेन है, जिसमें हल्के हरे रंग के कोच का उपयोग होता है। हालांकि, इसमें भूरे रंग के कोच का भी उपयोग किया जाता है।

हरे रंग के डिब्बों का इस्तेमाल गरीब रथ ट्रेन में होता है। वहीं, भूरे रंग के डिब्बों का उपयोग मीटर गेज ट्रेनों में होता है। बिलिमोरा वाघाई पैसेंजर एक नैरो गेज ट्रेन है, जिसमें हल्के हरे रंग के कोच का उपयोग होता है। हालांकि, इसमें भूरे रंग के कोच का भी उपयोग किया जाता है।

Source – Amar Ujala

 

 

 

 
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