सर्वे पूरा, 53 गांवाें से गुजरेगी ट्रेन

November 13, 2023, 2:39 PM
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33 साल बाद लोगों का सपना साकार होने की राह पर

महराजगंज। आनंदनगर-महराजगंज-घुघली रेलवे लाइन बिछाने के लिए लिडार सर्वे पूरा हो चुका है। सदर व फरेंदा तहसील के 53 गांवाें से होकर ट्रेन गुजरेगी। टीम ने 52.7 किमी रेल लाइन के लिए जगह-जगह प्वाइंट बनाया है। इस रूट पर आनंदनगर, महराजगंज और घुघली क्राॅसिंग स्टेशन होंगे, जबकि चार हॉल्ट स्टेशन भी बनाए जाएंगे। इस रेल मार्ग पर कुल 9 बड़े एवं 14 छोटे पुल बनाए जाएंगे।
रेल लाइन के निर्माण के लिये 191.059 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरू की जाएगी। टीम मानचित्र फीड कराने के लिए दिल्ली लेकर गई है। एक सप्ताह बाद जमीनों के अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी आएगी।

घुघली से महराजगंज व आनंदनगर तक रेल लाइन पर इलेक्ट्रिक ट्रेनें चलेंगी। रेल लाइन बन जाने से पंजाब और दिल्ली से असम समेत पूर्वोत्तर तक रास्ता आसान हो जाएगा। भू-मानचित्र भेजने की कार्रवाई चल रही है। रेल लाइन के सिविल कार्य के लिए 875.30 करोड़ रुपये, सिग्नल व टेलीकॉम कार्य के लिए 18.17 करोड़ और इलेक्ट्रिकल कार्यों के लिए 64.26 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। पूर्वोत्तर रेलवे के इस सेक्शन की रेल लाइन के तैयार होने पर कुल लागत 958.27 करोड़ रुपये का अनुमान है।
रेलवे ट्रैक जिन गांवों से होकर गुजरेगी, उस क्षेत्र के लोगों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है। क्षेत्र लोग इस इस उम्मीद में खुश हैं कि 33 साल बाद जिला मुख्यालय को रेल मार्ग से जुड़ने का सपना पूरा होने की राह पर है। महुअवा गांव के लोग शनिवार को इसी बात पर चर्चा कर रहे थे। गांव के रामधारी ने बताया कि रेलवे लाइन आने से क्षेत्र की आर्थिक, सामाजिक विकास को गति मिलने के साथ ही रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। काम तेजी से हो रहा है, यह देखकर अनुमान लगाया जा रहा है कि काम जल्दी पूरा होगा।

तरकुलवा गांव के हृदेश भी काफी खुश दिखे। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में रेलवे ट्रैक बिछने में काफी देर हो गई। आने वाले दिनों में ट्रेन की छुक छुक की आवाज सुनने को मिलेगी। भविष्य की तस्करी जेहन में दिख रही हैं। इसी तरह से क्षेत्र के तमाम लोगों ने क्षेत्र का विकास आने वाले दिनों में होने की बात कही। रामजस, कृपाल ने कहा कि रेलवे ट्रैक बिछने का रास्ता साफ होती ही जमीनों के भाव आसमान छूने लगेंगे।

आने वाले दिनों में ट्रेन से जाने का मौका मिलेगा। दिल्ली समेत बड़े शहरों तक पहुंचना आसान हो जाएगा। देर होने पर चिंता नहीं सताएगी। क्षेत्र का तेजी से विकास होगा।
मनीष यादव, महुअवा

जमीनों के भाव बढ़ रहे हैं। आने वाले दिनों में क्षेत्र की तस्वीर बदल जाएगी। अभी तो ज्यादातर लोग संशय में हैं कि किसकी कितनी जमीन जाएगी। विकास होने में परेशानी थोड़ी होती है।
महाबीर, महुअवा

जिला मुख्यालय बने 33 साल गुजर गए, अब जाकर रेलवे के लिए सर्वे हो रहा है। यह पहले हुआ रहता तो अपना महराजगंज विकास की दौड़ में काफी आगे रहता।
जय प्रकाश पांडेय, तरकुलवा

रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। आने जाने में होने वाली दुश्वारियां दूर होंगी। इन दिनों में गोरखपुर रात में नौ बजे जाय तो जिला मुख्यालय पर आने के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है। आने वाले वक्त समस्या दूर हो जाएगी।
अंकुश सहानी, तरकुलवा

इन गांवों से होकर जाएगी ट्रेन

-घुघली-महराजगंज- आनंदनगर नई ब्रॉड गेज लाइन फरेंदा तहसील क्षेत्र के सिधवारी, मथुरानगर, सेमराडाड़ी, गोपलापुर, अलहदिया महदेवा, जंगल जोगियाबारी, देउरवा, परसिया बुजुर्ग, रूनुआ, गोपलापुर व रामनगर के अलावा गोविन्दपुर व रामनगर सदर तहसील क्षेत्र के जंगल दुधई उर्फ चेहरी, पिपरा रसूलपुर, कांध, पकड़ी नौनिया, सिसवा अमहवा, रूधौली भावचक, महुअवा, तरकुलवा, बांसपार बैजौली, पड़री बुजुर्ग, सवना, सवना, पड़री बुजुर्ग मुजहना खुर्द, सिसवा बाबू, रामपुर, शिकारपुर, भिसवा, दरौली, कोइला, अगया, मनियार छपरा, धर्मपुर, विशुनपुर, हरपुर, पिपराइच उर्फ पचरूखिया, पिपरा मुंडेरी, मटकोपा, रामपुर बल्डीहा, जोगिया व घुघली खुर्द गांव से होकर ट्रेन गुजरेगी।

सर्वे पूरा हो चुका है। टीम नक्शा लेकर दिल्ली गई है। एक सप्ताह बाद जमीनों के अधिग्रहण के लिए जरूरी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। रेलवे जिन गांवों से होकर जाएगी, उन गांवों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। 46 की जगह पर अब 53 गांवों से होकर ट्रेन गुजरेगी।
मदन मोहन वर्मा, भूमि अध्याप्ति अधिकारी

व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी

-इस रेल लाइन के बन जाने के बाद एक ओर देश के अन्य हिस्सों से यात्रा सुगम हो जाएगी, वहीं माल ढुलाई और व्यापारिक गतिविधियों में तेजी आएगी। इसके अलावा इस रेल लाइन के बन जाने से भारत और नेपाल की व्यापारिक गतिविधियां और मजबूत हो जाएंगी. इसके साथ ही गोरखपुर, बनारस और लखनऊ जैसे स्टेशनों पर बढ़ रहे दबाव से भी छुटकारा मिलेगा। इस रुट से बिहार के रक्सौल, नरकटियागंज और नेपाल के लिए मालागाड़ी से सामान का आयात व निर्यात आसान होगा। इससे इन क्षेत्रों में आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

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