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यात्रियों को अब कोच ढूंढने में नहीं होगी दिक्कत

January 28, 2020, 12:00 PM
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यात्रियों को अब कोच ढूंढने में नहीं होगी दिक्कतउसलापुर रेलवे स्टेशन में यात्रियों को अब कोच ढूंढने में दिक्कत नहीं होगी। उन्हें आसानी से पता चल जाएगा कि ट्रेन में उनका आरक्षित कोच प्लेटफार्म के किस हिस्से पर आएगा। रविवार से प्लेटफार्म एक पर कोच इंडिकेशन बोर्ड की सुविधा प्रारंभ कर दी गई है। जल्द ही दो और तीन नंबर प्लेटफार्म में इसकी शुरुआत होगी। उसलापुर शहर का दूसरा प्रमुख स्टेशन है। इसकी उपयोगिता बढ़ाने के लिए रेल प्रशासन ने ट्रेनों के साथ – साथ सुविधाओं का विस्तार कर रहा है। वर्तमान में अप व डाउन दिशा मिलाकर 34 से अधिक ट्रेनें यहां ठहरती हैं। लेकिन यात्रियों को यह जानकारी नहीं मिल पाती थी कि उनका रिजर्वेशन जिस कोच में है वहां प्लेटफार्म के किस हिस्से में आएगा। वह एक जगह खड़े रहते थे। जब ट्रेन आती थी उसके बाद अचानक कोच ढूंढने के लिए अफरा- तफरी की स्थिति बनती थी। यात्री भारी भरकम लगेज लिए इधर से उधर दौड़ते – भागते नजर आते थे। वह इस अव्यवस्था से परेशान थे और लगातार रेल प्रशासन से मांग कर रहे थे कि बड़े स्टेशनों की तरह यहां भी कोच की स्थिति बताने वाला इलेक्ट्रिॉनिक बोर्ड लगाया जाए। जब- जब अधिकारियों का यहां निरीक्षण हुआ यात्री उन्हें इस सुविधा को लेकर घेरते थे। इसी का असर है कि पहले इसके लिए बजट स्वीकृत कराया गया। इसके बाद काम की शुरुआत की गई। पिछले कई महीनों से इसके लिए काम चल रहा था। रविवार को अंतिम ट्रॉयल हुआ। इसके बाद कोच इंडिकेशन बोर्ड की शुरुआत कर दी गई। इस प्लेटफार्म में 26 कोच की स्थिति नजर आने लगी है। हालांकि सुविधा अब भी अधूरी है। उसलापुर में तीन प्लेटफार्म है। अभी दो प्लेटफार्म में इसका अभाव है। इस पर काम जारी है और 15 फरवरी के पहले इन दोनों प्लेटफार्म में इंडिकेशन बोर्ड लग जाएंगे। सोमवार को यात्री बड़ी आसानी से कोच में चढ़ते नजर आए।उसलापुर रेलवे स्टेशन में यात्रियों को अब कोच ढूंढने में दिक्कत नहीं होगी। उन्हें आसानी से पता चल जाएगा कि ट्रेन में उनका आरक्षित कोच प्लेटफार्म के किस हिस्से पर आएगा। रविवार से प्लेटफार्म एक पर कोच इंडिकेशन बोर्ड की सुविधा प्रारंभ कर दी गई है। जल्द ही दो और तीन नंबर प्लेटफार्म में इसकी शुरुआत होगी। उसलापुर शहर का दूसरा प्रमुख स्टेशन है। इसकी उपयोगिता बढ़ाने के लिए रेल प्रशासन ने ट्रेनों के साथ – साथ सुविधाओं का विस्तार कर रहा है। वर्तमान में अप व डाउन दिशा मिलाकर 34 से अधिक ट्रेनें यहां ठहरती हैं। लेकिन यात्रियों को यह जानकारी नहीं मिल पाती थी कि उनका रिजर्वेशन जिस कोच में है वहां प्लेटफार्म के किस हिस्से में आएगा। वह एक जगह खड़े रहते थे। जब ट्रेन आती थी उसके बाद अचानक कोच ढूंढने के लिए अफरा- तफरी की स्थिति बनती थी। यात्री भारी भरकम लगेज लिए इधर से उधर दौड़ते – भागते नजर आते थे। वह इस अव्यवस्था से परेशान थे और लगातार रेल प्रशासन से मांग कर रहे थे कि बड़े स्टेशनों की तरह यहां भी कोच की स्थिति बताने वाला इलेक्ट्रिॉनिक बोर्ड लगाया जाए। जब- जब अधिकारियों का यहां निरीक्षण हुआ यात्री उन्हें इस सुविधा को लेकर घेरते थे। इसी का असर है कि पहले इसके लिए बजट स्वीकृत कराया गया। इसके बाद काम की शुरुआत की गई। पिछले कई महीनों से इसके लिए काम चल रहा था। रविवार को अंतिम ट्रॉयल हुआ। इसके बाद कोच इंडिकेशन बोर्ड की शुरुआत कर दी गई। इस प्लेटफार्म में 26 कोच की स्थिति नजर आने लगी है। हालांकि सुविधा अब भी अधूरी है। उसलापुर में तीन प्लेटफार्म है। अभी दो प्लेटफार्म में इसका अभाव है। इस पर काम जारी है और 15 फरवरी के पहले इन दोनों प्लेटफार्म में इंडिकेशन बोर्ड लग जाएंगे। सोमवार को यात्री बड़ी आसानी से कोच में चढ़ते नजर आए।

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