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PPP मॉडल पर दिल्ली-मुंबई समेत 10 रेलवे स्टेशनों की बदलेगी सूरत

February 2, 2020, 8:46 AM
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ट्रेनों में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं देने और एयरपोर्ट की तरह रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए रेलवे अगले 3 साल में तेजस जैसी 44 ट्रेनें चलाएगा। वहीं, 150 प्राइवेट ट्रेने भी शुरू की जाएंगी। देश के 4 रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर देने के बाद अब रेलवे नई दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े स्टेशनों के साथ-साथ 10 और नए रेलवे स्टेशनों का विकास भी पीपीपी आधार पर करने की तैयारी कर रहा है। वहीं, बंगलोर में उपनगरीय 148 किलोमीटर लंबी रेलनेटवर्क शुरू करने का भी प्लान है।

वित्त मंत्री ने बजट में 4 रेलवे स्टेशनों का विकास पीपीपी मॉडल पर करने की घोषणा की है। इन स्टेशनों में नागपुर, अमृतसर, ग्वालियर और साबरमती शामिल हैं। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव के मुताबिक देश के बड़े रेलवे स्टेशन नई दिल्ली और मुंबई सहित 10 और रेलवे स्टेशनों का विकास भी पीपीपी मॉडल पर कराने का प्लान तैयार किया गया है। अगले 3 महीने के अंदर बिडिंग की जाएगी।

यादव ने बताया कि अगले 3 साल के अंदर तेजस जैसी 44 ट्रेनें चलेंगी। वंदेभारत और तेजस अंदर से एक जैसी ही हैं। दोनों में सीटिंग की व्यवस्था है। देश के आईकॉनिक टूरिस्ट स्थानों को इन तेजस जैसी ही ट्रेनों से जोड़ा जाएगा। 150 प्राइवेट ट्रेनें चलाने की योजना पर पहले से ही काम चल रहा है। अब तक ये ट्रेनें चलाने के लिए स्टेकहोल्डर्स के साथ दो मीटिंग हो चुकी हैं। तीसरी मीटिंग सोमवार को होगी। इसके अलावा हाई स्पीड ट्रेन यानि बुलेट ट्रेन मुंबई और अहमदाबाद के बीच 2024 में दौड़ने लगेगी।

वहीं, बेंगलुरू में 148 किलोमीटर लंबी उपनगरीय ट्रेन प्रोजेक्ट की योजना। इस पर 18600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। कर्नाटक सरकार और केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट के लिए 20-20 फीसदी हिस्सा देगी व 60 फीसदी हिस्सा लोन लिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट पर 110 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेन चलेंगी। इस ट्रैक पर कुल 57 स्टेशन होंगे। रेलवे और राज्य से जमीन मिल गई है। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो गई है। एक महीने के अंदर टेंडर में यह प्रोजेक्ट जाएगा। यहां पर किराया मेट्रो सिटी के आधार पर तय किया स्टेशनों पर वाई फाई की सुविधा

रेलवे के 550 स्टेशनों पर वाईफाई की सुविधा हो गई है। वित्त मंत्री ने बजट के दौरान कहा कि अब कोई भी मानव रहित क्रॉसिंग नहीं है। 27000 किलोमीटर रेल लाइनों का इलेक्ट्रिफिकेशन हो गया है।

Source – Navbharat

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